वर्षों के अपने आपसी आकर्षण का विरोध करने के बाद, हमने अंततः अपनी इच्छाओं के आगे झुक गए। हमारी भावुक मुठभेड़ तीव्र आनंद से भरी हुई थी, जब हमने एक-दूसरे के शरीर के हर इंच की खोज की, जिससे हम दोनों पूरी तरह से संतुष्ट हो गए।.
अपनी सहेली से काफी देर तक बातचीत के बाद मुझे अहसास हुआ कि हम दोनों आपसी आकर्षण को बहुत दिनों से नकार रहे थे.हम सिर्फ दोस्त थे, पर हमारे बीच की केमिस्ट्री निर्विवाद थी.उसके जिस्म की गर्मी, जिस तरह उसकी सांसें मेरी गर्दन से टकराईं, और जिस तरह से उसके हाथ मेरे बदन पर फिरे, वो किसी बांध की तरह फटने जैसा था.उसके हाथों ने मेरे बदन के हर इंच का पता लगाया, उसकी उंगलियां मेरी चमड़ी में आग का रास्ता खोजती हुई थीं.उसने मेरी छाती से नीचे अपना रास्ता चूमते हुए, उनके जागने में आग का निशान छोड़ते हुए मुझे आनंद की धार तक लाने के लिए तड़फरी में काम करते हुए मेरे सख्त लंड, उसके होंठों और जीभ को अपने मुँह में ले लिया.जब उसने आखिर मुझे अपने अन्दर आने दिया, तो ये एक ऐसी खुशी की भाग थी, जो मैंने पहले कभी नहीं ली थी.उसकी अन्दर होने की अनुभूति मुझे मदहोश कर रही थी, जिससे मैं उस पर नियंत्रण खो रहा था, जैसे मैंने उसे जोर से और तेजी से लिया था.