दो प्रेमी जंगल के केंद्र में प्रकृति के रोमांच का आनंद लेते हैं, एक भावुक मौखिक मुठभेड़ का आनंद लेते हुए पेड़ों के माध्यम से सूरज फिल्टर करते हैं जो उन्हें बेदम कर देता है।.
जंगल के दिल में सुरसुराती पत्तियों और चहकते पक्षियों के बीच एक रोमांचकारी मुठभेड़ होती है। एक पुरुष और महिला, उनके शरीर एक नृत्य में आपस में जुड़ते हैं जितना कि समय पुराना है। महिला, घुटनों के बल बैठती है, इच्छा से उसकी आंखें धधकती हैं, उसकी थिरकती मर्दानगी तक पहुंचती हैं। उसे आनंद लाने के लिए सद्भाव से काम करते हुए उसे अपने मुँह, होंठों और जीभ में लेती है। मर्द के हाथ उसके शरीर पर घूमते हैं, उसकी त्वचा को सहलाते हुए, जैसे-जैसे वे अपने नृत्य की लय में खो जाते हैं। जंगल उनकी अवस्था बन जाता है, प्रकृति की आवाजें उनका संगीत। हवा छटपटा-छट कर प्रकृति की आवाजों के साथ मोटी होती है, उसकी जीभ पर उसका स्वाद उसकी इच्छा को भड़काता है। यह एक मौलिक नृत्य है, शारीरिक अन्तर्वासना का उत्सव, खुले में, पेड़ों और आकाश की चौकस निगाहों के नीचे बजाया जाता है। कच्ची, बेहिश्ती इच्छाओं के बीच एक वसीयतना जो दो इच्छाओं के जिस्मों में मौजूद है।.